चलने को हर वक्त साथ मेरे , अपना साथी रहता है


चलने को साथ मेरे भी....


 चलने को साथ मेरे भी , एक दोस्त हमेशा रहता है

हर वक्त हाथ पकड़कर चलता है , खोने को मुझको डरता है ! !


आंख उठा अगर कोई दे, बेकाबू होकर हर उस पर वो बरसता है 

शायद अब दूर बहुत है तो ,बात करने तो  मन उसका तरसता है 

बात  भी अगर हो कभी तो, आंखो से भर भर पानी बरसता है

अब तो बस साथ चलने को उसके सफर में  जी करता है 


बस उससे ही है जीवन मेरा ,दिल उसीके नाम धड़कता है !

मन करता हु खो जाऊ उसीमे पर डर इस बेईमान दुनिया का लगता है !!


कब लोटेगा वो साथी मेरा बस वक्त मेरा यही समय तकता है  

चलने को है वक्त साथ मेरे , अपना साथी रहता है

Comments

Popular Posts