#ढेर_सारी_जिंदगी

 दीपक सा तू बन प्रखर ,बस सत्य की तुझे तलाश रहे      शब्दों की गढ़ तू गीता एसी,धर्म का समर्थ प्रकाश रहे        नींव बना तू शीतल मन की , पहचान दे हर कण कण की रखकर सूरज सा साहस मन में ,बस स्वप्नो का ऊंचा आकाश रहे

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