#वो_मंजिल_

एक उलफत क्या हुई तुमने पुराना समझ लिया 
गलियों में बेशक घूमे है हम ,दिनभर तुम्हारी
हम कश्मकश में रहे ,तुमने दीवाना समझ लिया 
बेशक जुनून है हमे मंजिल का ....
पर क्या कहे ,तुमने तो इसे भी बहाना समझ लिया

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