ये रंग ही तो है ...!

ये रंग ही तो है ...!


ये रंग ही तो है ,जो जीवन को सुनहरा कर देते है

बेकार सी बेरंग दुनिया में ,सुकून भर देते है !

कितने भी निराश हो भले हम ..

ये रंग ही तो है जो निराशा में भी , उम्मीद भर देते है !!


ये रंग ही तो है ....!!


ये रंग ही तो है ,जो अपनो में अपनापन भर देते है 

किसी को करते है उत्तेजित तृष्णा से 

तो किसी के मन में उमंग भर देते है ...!

तुम पास हो या भले दूर कही हमसे...

ये रंग ही तो है जो तुम्हे ,पराए से अपना कर देते है !!


खुशबू से इन रंगों की तुम ,महक जाती हो 

हां ये जरूर है कभी ,थोड़ी सी बहक जाती हो !

अब खुशियों का जैसे अंबार लगने लगता है ,

तुम्हारे साथ रंगो का आसमान ,बिखरने लगता है !

बस छूकर तुम्हे रंग दूं.... उस रंग से ..;

जो खिलता हो चांद पर भी ....मगर..

पर वो रंग तरासने में वक्त ,बहुत लगता है !!


ये रंग ही तो है .....!!


देर से सही ,पर रंग मन को स्वच्छंद कर देते है !

सारी कुटिलताओं को ,किसी दरवाजे में बंद कर देते है ,

पर जैसे–तैसे मन ,काया को ऐसा सजाते है रंग...

मानो पुष्प है जीवन,उसमे ये गंध भर देते है ,

ये रंग ही तो है जो इतना कुछ कर देते है !


ये रंग ही तो है .....!!

ये रंग ही तो है ...!!


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