पतझड़ में मेरे गांव आया कर ...😊😊


पतझड़ में मेरे गांव आया कर ...

जब रूठ जाऊं ,तो मुझे मनाया कर !

इश्क हर रोज किया कर ....

इतना मत सताया कर !!


मुश्किल तो रोज आती है !

हर कदम पर साथ निभाया कर !!


मैं तुझे हर दम इश्क जताउ ??

तो इतना तो रहम खाया कर ..

खुदमें कभी मुझको पाया कर !

एक नज़र देखकर आईने में ...

खुदको अपनी नज़र लगाया कर !!



पतझड़ में मेरे गांव आया कर !



मैं भला कौनसा दोष गिनाता हूं तेरे ??

वकील हूं तेरा, मुझे दलीलें मत सिखाया कर !

तेरे जेहन से भी निकलेगी ,“मिसरी की मिठास ”

साए से भले बिसरा दे ,पर मन से दूर न जाया कर !!


पतझड़ में मेरे गांव आया कर ,

सारे दुख मुझमें बहाया कर !

सब शिकवे दूर होंगे तभी ..

हर गिला मुझसे फरमाया कर !!



पतझड़ में मेरे गांव आया कर ..!!


खट्टे –खट्टे, मीठे–मीठे ,बैर खाया कर ...

अपने मीठे बोल सुनाकर हर रोज जगाया कर !

कुछ भी हर्फ हो अपना ,

मुझसे मत छुपाया कर !!

मेरे साथ अपने जिंदगी के गीतों को ..

मेरे राग में साथ गाया कर !!


पतझड़ में मेरे गांव आया कर ...!



अंधेरों में खुदको मत छुपाया कर ,

सहमे मन को इतना ,मत डराया कर !

तू जुगनू है खुदको फैला आसमान सा...

खुदको मत जलाया कर !!

तू जुगनू है ..खुदको मत जलाया कर, 

अंधेरे को उसका ,घर बताया कर.. 

अपनी चमक से खुद ,दमक जाया कर .!!


इस दुनिया में अपने ,पंख फैलाया कर

दुख में भी हर्ष के ,नगमे सजाया कर !

और गैरो से इश्क लड़ाना,कारगर नही 

कभी अपने से दिल लगाया कर !!

पतझड़ में मेरे गांव आया कर ...

ये दुनिया की आग बहुत गहरी है ...

हंसते चेहरे पर , धोखे को पहचान जाया कर !

दौलत कमाने से क्या होगा , अपनो में इज्जत कमाया कर !!

छोड़ अब पुरानी बाते ,नए गीत गाया कर ..

उनसे किनारा करके ,बाहर जाया कर !!


पतझड़ में मेरे गांव आया कर ..!!


कभी मौसम बिगड़ने लगे ,

या हालत गंभीर नजर आने लगे ..

तो मुश्किलो से खुदको मत बचाया कर !

फिर चाहे हो कोई जहर ,दरिया ,या कोई पत्थर दिल ..

पत्थरों से मत घबरा ,उनसे सिर भिड़ाया कर !!


पतझड़ हो तो मेरे गांव आया कर ..!

प्रेम में कभी अलगाव गया कर .!!


खुदको इतना सस्ता, मत बताया कर 

खाली थैला, बाजार मत जाया कर !

ये बाजार लूटने को बुलाता है तुझे ..

जेब खाली हो तो, दुख मत जताया कर ..

फिर चाहे झुमके ,काजल या कुछ और ..

अपने में खोकर सब भूल जाया कर !!


जवानी में भी मिट्टी के घर बनाया कर ..

अपने मन की खुशबू के फूल सजाया कर !

बारिश आने घर टूट जायेगा ...

ये सोचकर आखों से दरिया मत बहाया कर !!

अरे बादल तो ये दुनिया है ... गर्जना से बहकाती है ..

तू बस रोज घर बनाकर ,बारिश सा बरस जाया कर !!








 

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