सफलता

विश्व गुरु की पुण्य धरा पर
तुम प्रखर तेज़ परिणित मिले !
जब भी खोजा तिनका–तिनका
हर वक्त पहर, नवनीत मिले !!
पाकर के बुद्ध छांव तुम्हारी,
सब सत्य मिले , अभिजीत मिले !!

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